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फ़ोरुग फ़रुख़ज़ाद की कविता 

  • golchakkarpatrika
  • Feb 17
  • 3 min read


फ़ोरुग फ़रुख़ज़ाद की कविता 
अँग्रेज़ी से अनुवाद: योगेश ध्यानी

दूसरा जन्म


मेरा सम्पूर्ण अस्तित्व एक स्याह मंत्र है

जो तुम्हें सदाबहार वृद्धि और उन्नति की सुबह की ओर ले जायेगा

इस मंत्र में मैंने और तुमने साँस भरी है

इस मंत्र में

मैंने तुम्हें रोपा है—

वृक्ष में जल में अग्नि में


जीवन शायद एक लम्बी गली है

जिससे होकर गुज़रती है रोज़

एक टोकरी थामी हुई औरत 


शायद जीवन एक रस्सी है जिसकी मदद से एक आदमी

स्वयं को शाख पर लटकाता है

या शायद स्कूल से लौटता हुआ बच्चा है जीवन


जीवन शायद रति के दो क्षणों के मध्य के

मादक विश्राम में सिगरेट का सुलगाना है

या गुज़रते हुए एक व्यक्ति की गुम दृष्टि

जो एक अर्थहीन मुस्कान और सुप्रभात के साथ

दूसरे व्यक्ति के सामने अपनी हैट उतारता है


जीवन शायद वह बंद क्षण है

जिसमें मेरी दृष्टि तुम्हारी आँखों की पुतलियों में

ख़ुद को तबाह कर लेती है

और जीवन उस अनुभूति में है

जिसे मैं चन्द्रमा के प्रभाव और रात की अवधारणा के साथ जोड़ती हूँ


अकेलेपन जितने बड़े कमरे में

प्रेम जितना विशाल मेरा मन

अपनी ख़ुशी के साधारण बहानों की तरफ़ देखता है

देखता है गुलदस्ते में रखे फूलों के ख़ूबसूरत मुर्झाने को

उस पौध को जो तुमने हमारे बगीचे में लगाई थीं

और उन कनारी चिड़ियों के गीत को

जो खिड़की के आकार का गीत गाती हैं


आह!

यह मेरा भाग्य है, 

मेरा भाग्य एक आकाश है जो परदा गिरते ही छीन लिया जाता है

मेरा भाग्य कभी इस्तेमाल नहीं की गयी सीढ़ियों से नीचे गिर रहा है

मेरा भाग्य सड़न और उदासी के बीच एक प्राप्ति है

मेरा भाग्य स्मृतियों के बाग में एक उदास विचरण है

और यह उस आवाज़ के दुख में दम तोड़ रहा है

जो मुझसे कहती है—

मुझे तुम्हारे हाथों से प्रेम है।


मैं अपने हाथ बगीचे में बोऊंगी

मैं जानती हूँ मैं उगूँगी 

और अबाबील पक्षी मेरे स्याही सने हाथों के कोटर में

अंडे देंगे।


मैं जुड़वा चैरियों को कानों में पहनूूँगी

और डहेलिया की पत्तियों से उँगलियों के नाख़ून रगूँगी

एक गली है

जहाँ मैले बाल, पतली गर्दन और टाँगों वाले लड़के

जो मेरे प्यार में थे 

अब भी फिरते हैं

वे एक नन्ही लड़की की मासूम मुस्कान के बारे में सोचते हैं

जो एक रात हवा के तेज़ झोंके में उड़ गयी थी।


एक गली है

जिसे मेरे हृदय ने 

मेरे बचपन की गलियों से चुरा रखा है।


यह समय की रेखा के समान्तर 

एक आकार की यात्रा है 

आकार जो समय को परिभाषित करता है

आकार जो दर्पण से लौटते 

अपने प्रतिबिंब के प्रति सचेत है


और यह ऐसा है

कि कोई मरता है

कोई जीता है।


किसी मछुआरे को कभी भी उस नन्हे झरने में मोती नहीं मिलता

जो एक सरोवर में खाली होता है।


मैं एक उदास नन्ही परी को जानती हूँ

जो एक सागर में रहती है

और जादुई बांसुरी पर अपना दिल बजाती है

एक नन्ही उदास परी

जो हर रात एक चुम्बन से मर जाती है

और हर सुबह 

एक चुम्बन से पुनर्जीवित हो जाती है।


इस्माइल सलामी द्वारा किये गये अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधारित 




 


फ़ोरुग फ़रुख़ज़ाद (1934 -1967) एक प्रभावशाली ईरानी कवि और फ़िल्म निर्देशक थीं। वह एक विवादास्पद आधुनिकतावादी कवि और रूढ़ियों को चुनौती देने वाली एक नारीवादी लेखिका थीं। फ़रुख़ज़ाद की 32 वर्ष की आयु में एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई।


योगेश ध्यानी एक कवि-लेखक और अनुवादक हैं। उनसे पूर्व परिचय के लिए देखिए : नाओमी शिहाब नाए की कविताएँ






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